पढ़े-लिखे नौजवानों को मोटी सैलरी रास नहीं आई, ऑफिस जाने को स्कूटी चुराई

कोई सोच नहीं सकता है कि 50 से 60 हजार रुपये की मासिक सैलरी पाने वाला स्कूटी चोरी कर सकता है, मगर सिविल इंजीनियर (डिप्लोमा) आकाश चौहान ने यह करतूत अंजाम देकर हर किसी को बैचेन कर दिया। पुलिस का दावा है कि चौहान ने स्कूटी सिर्फ इसलिए चुराई थी, ताकि गुड़गांव में आफिस से लेकर अपने कमरे तक का सफर तय कर सके। आरोपी को दूर तक अहसास नहीं था कि तीसरी आंख उसकी जुर्म की गवाह बन जाएगी। दूसरे आरोपी टॉप साइक्लिस्ट मोहित ऊबान की ऐसी भी कोई मजबूरी नहीं थी कि उसे अपराध की राह पकड़नी पड़े।


डालनवाला में चोरी में पकड़े गए दोनों शिक्षित नौजवानों के अपराध की राह पर चलने की कहानी बेहद दिलचस्प है। परिवार ने जिंदगी संवारने को उन्हें नामी स्कूल में शिक्षा दिलाई, लेकिन बदनीयती हवालात के पीछे पहुंचाने का कारण बन गई। एसपी सिटी श्वेता चौबे की माने तो आकाश चौहान सिविल इंजीनियर (डिप्लोमा) होने के साथ गुड़गांव की एक निर्माण कंपनी से जुड़ा है। बीच-बीच में आकाश चौहान दून आता रहता है। आरोपी आकाश और मोहित ने एक दूसरे के सामने आर्थिक संकट का रोना रोया। बदनीयती ऐसी हावी हुई कि दोनों अपराध की राह पर चलने को राजी हो गए। पहले दिन कर्जन रोड से स्कूटी चुराई तो अगले ही दिन धीमान दंपति के घर हाथ साफ कर दिया। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को इस बात का अहसास नहीं था कि स्कूटी चुराने वाले सिविल इंजीनियर हो सकता है।